अनूपपुर जिला चिकित्सालय अपनी लचर व्यवस्थाओं के कारण एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार, 108 एम्बुलेंस सेवा की अनुपलब्धता के चलते 8 वर्षीय मासूम अखिल चौधरी की मौत हो गई।
कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से अनूपपुर रेफर
जमुड़ी गांव, कोतमा जनपद के निवासी अखिल चौधरी की तबियत अचानक बिगड़ने पर उसे परिजन कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे अनूपपुर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। अनूपपुर में ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की तबियत ठीक हो जाएगी, लेकिन उसकी हालत और बिगड़ती गई।
एम्बुलेंस की कमी से समय पर इलाज नहीं मिला
जब अखिल की स्थिति गंभीर हो गई, तो उसे शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन एम्बुलेंस घंटों तक नहीं पहुंची, जिसके कारण इलाज के आभाव में मासूम की मौत हो गई। जिला चिकित्सालय में कागजों पर चार एम्बुलेंस इमरजेंसी सेवाओं के लिए दर्शाई गई हैं, लेकिन वास्तविकता में केवल एक एम्बुलेंस ही कार्यरत है, जबकि बाकी तीन एम्बुलेंस खराब स्थिति में हैं।
परिजनों की व्यथा
परिजनों का कहना है कि अगर समय पर एम्बुलेंस मिल जाती, तो शायद बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। इस घटना ने जिला चिकित्सालय की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।







