प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को अवैध खनन मामले में हरियाणा कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी महेंद्रगढ़ के कांग्रेस विधायक राव दान सिंह के परिसरों पर केंद्रीय एजेंसी द्वारा तलाशी लेने के दो दिन बाद की गई है।
हरियाणा में ईडी पुराने मामलों में ही कार्रवाई कर रही है। हरियाणा पुलिस ने जिन एफआईआर को वर्षों पहले दर्ज किया था, उन्हीं में से कुछ मामलों में नाम छांटकर छापे मारे गए हैं।
पंवार सोनीपत के विधायक हैं और हरियाणा और राजस्थान में खनन के कारोबार में सक्रिय हैं। शनिवार सुबह ईडी की टीम उनके घर पर आई और उनके बेटे को भी पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई।
जनवरी में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनीपत के सेक्टर 15 में पवार के घर और पूर्व इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) विधायक दिलबाग सिंह से संबंधित कई स्थलों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान, ईडी ने 5 करोड़ रुपये नकद, विदेशी हथियार और 300 से अधिक कारतूस भी बरामद किए थे।
- ईडी के सूत्रों के अनुसार, पवार के घर से मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत देने वाले कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, ईडी के सूत्र और अधिकारी यह स्पष्ट करने को तैयार नहीं हैं कि चुनाव के ठीक पहले यह कार्रवाई क्यों की जा रही है
पवार ने 2019 में भाजपा की कविता जैन को हराकर सोनीपत विधानसभा सीट पर विजय प्राप्त की। पवार को कुल पड़े वोटों में से 59.51 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कविता जैन को 34.88 प्रतिशत वोट मिले।
एक और कांग्रेस नेता के ठिकानों पर ईडी के छापे
सिर्फ दो दिन पहले, ईडी ने 1,392 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत कांग्रेस विधायक राव दान सिंह के ठिकानों पर छापे मारे। केंद्रीय एजेंसी के गुड़गांव जोनल कार्यालय ने महेंद्रगढ़, बहादुरगढ़, गुड़गांव, दिल्ली और झारखंड के जमशेदपुर सहित लगभग 15 जगहों पर तलाशी ली।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने एएसएल कंपनी और राव दान सिंह के बीच के संबंधों की भी जांच की है। एएसएल कंपनी कोल्ड रोल स्टील उत्पाद बनाती है और उस पर 1,392 करोड़ रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में शामिल होने का आरोप है। यह मामला 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, आरोप है कि राव दान सिंह के परिवार और उनकी कंपनियों ने एएसएल से लोन की राशि प्राप्त की, लेकिन कभी भी उसे वापस नहीं किया, और बाद में उन पैसों को माफ कर दिया गया। विधायक राव दान सिंह ने हाल ही में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के धर्मबीर सिंह से 41,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गए थे।







