सीएम के आदेशों का कोई असर नहीं, स्वास्थ्य विभाग सोता रहा
झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में सीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दो दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया ने अवैध झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन इन आदेशों का कोई असर नहीं दिख रहा है।
इलाज के नाम पर मौत:
इसका ताजा मामला झाबुआ जिले के गांव भगोर का है। यहां एक व्यक्ति की झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज किए जाने से मौत हो गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके काका खेत पर काम कर रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें तुरंत भगोर गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने मरीज को रेफर करने के बजाय उसे इंजेक्शन लगा दिया, जिसमें हाई डोज की दवा थी।
इंजेक्शन के बाद बिगड़ी तबीयत और मौत:
इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और थोड़ी देर बाद ही उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद झोलाछाप डॉक्टर मौके से फरार हो गया। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा भी किया, लेकिन डॉक्टर के फरार होने के कारण वे कुछ नहीं कर सके।
झाबुआ में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक:
झाबुआ जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या करीब 500 है और इनका बोलबाला इतना है कि अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करने से डरते हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों के कारण हर साल कई लोगों की जान चली जाती है।
हाईडोज दवाइयों से खेल रहे हैं मरीजों की जान से:
जिले के आदिवासी इलाकों में इन झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना डेरा जमा लिया है। यह लोग ग्रामीणों को बिना किसी डिग्री के इलाज करते हैं और उन्हें हाईडोज दवाइयां देकर उनकी जान से खिलवाड़ करते हैं।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल:
इन घटनाओं के बावजूद भी प्रशासन इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।## झाबुआ में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश हवा में, एक व्यक्ति की मौत!
सीएम के आदेशों का कोई असर नहीं, स्वास्थ्य विभाग सोता रहा
झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में सीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दो दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया ने अवैध झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे
इलाज के नाम पर मौत:
इसका ताजा मामला झाबुआ जिले के गांव भगोर का है। यहां एक व्यक्ति की झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज किए जाने से मौत हो गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके काका खेत पर काम कर रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें तुरंत भगोर गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने मरीज को रेफर करने के बजाय उसे इंजेक्शन लगा दिया, जिसमें हाई डोज की दवा थी।
इंजेक्शन के बाद बिगड़ी तबीयत और मौत:
इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और थोड़ी देर बाद ही उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद झोलाछाप डॉक्टर मौके से फरार हो गया। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा भी किया, लेकिन डॉक्टर के फरार होने के कारण वे कुछ नहीं कर सके।
झाबुआ में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक:
झाबुआ जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या करीब 500 है और इनका बोलबाला इतना है कि अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करने से डरते हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों के कारण हर साल कई लोगों की जान चली जाती है।
हाईडोज दवाइयों से खेल रहे हैं मरीजों की जान से:
जिले के आदिवासी इलाकों में इन झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना डेरा जमा लिया है। यह लोग ग्रामीणों को बिना किसी डिग्री के इलाज करते हैं और उन्हें हाईडोज दवाइयां देकर उनकी जान से खिलवाड़ करते हैं।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल:
इन घटनाओं के बावजूद भी प्रशासन इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्र ## झाबुआ में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश हवा में, एक व्यक्ति की मौत!
सीएम के आदेशों का कोई असर नहीं, स्वास्थ्य विभाग सोता रहा
झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में सीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दो दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया ने अवैध झोलाछाप डॉक्टरों के
इलाज के नाम पर मौत:
इसका ताजा मामला झाबुआ जिले के गांव भगोर का है। यहां एक व्यक्ति की झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज किए जाने से मौत हो गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके काका खेत पर काम कर रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें तुरंत भगोर गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने मरीज को रेफर करने के बजाय उसे इंजेक्शन लगा दिया, जिसमें हाई डोज की दवा थी।
इंजेक्शन के बाद बिगड़ी तबीयत और मौत:
इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और थोड़ी देर बाद ही उनकी मौत हो गई। इस घटना के







