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आदिवासी छात्रावास में गंभीर लापरवाही: प्राचार्य और अधीक्षक निलंबित

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मंडला: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य ने हाल ही में शासकीय हाईस्कूल और बालक आदिवासी छात्रावास सलवाह का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल और छात्रावास में गंभीर लापरवाही पाई, जिसके चलते उन्होंने प्राचार्य और छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

हाईस्कूल में गंदगी और खराब सुविधाएं

हाईस्कूल में अध्यक्ष श्री आर्य ने कक्षाओं, परिसर और शौचालयों का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि स्कूल परिसर में गंदगी फैली हुई थी, शौचालय खराब स्थिति में थे और कक्षाओं में सीलन की समस्या थी। प्राचार्य ने इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके चलते उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

छात्रावास में भोजन और रहने की स्थिति खराब

बालक आदिवासी छात्रावास में भी स्थिति काफी खराब पाई गई। छात्रावास में दरवाजे और खिड़कियों में परदे नहीं थे, छात्रों के बिस्तर गंदे थे और शौचालय और परिसर में साफ-सफाई का अभाव था। रसोई कक्ष में राशन और सब्जी की कमी थी और भोजन की गुणवत्ता भी खराब थी। छात्रों ने बताया कि उन्हें रोजाना मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं मिलता था। छात्रावास अधीक्षक भी इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिसके कारण उनके खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

आदिवासी बच्चों के हितों की अनदेखी

इस घटना से स्पष्ट होता है कि आदिवासी बच्चों के हितों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल और छात्रावास में मिलने वाली सुविधाएं बेहद खराब हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • निरीक्षण: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य ने शासकीय हाईस्कूल और बालक आदिवासी छात्रावास सलवाह का निरीक्षण किया।
  • लापरवाही: स्कूल और छात्रावास में गंभीर लापरवाही पाई गई।
  • निलंबन: प्राचार्य और छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
  • समस्याएं: स्कूल में गंदगी, खराब शौचालय, सीलन, छात्रावास में गंदे बिस्तर, खराब भोजन, राशन की कमी आदि।
  • कारण: आदिवासी बच्चों के हितों की अनदेखी।

यह घटना एक बार फिर आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर सवाल उठाती है।

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