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भारत और सऊदी अरब के बीच उच्च स्तरीय बैठक, रिफाइनिंग में निवेश समेत कई मुद्दों पर समझौता

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भारत और सऊदी अरब ने निवेश के विभिन्न अवसरों पर उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी निवेश को बढ़ावा देने के उपायों की समीक्षा की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और सऊदी ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने की।

एएनआई, नई दिल्ली। भारत और सऊदी अरब ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में निवेश को लेकर ‘हाई लेवल टास्क फोर्स’ की पहली बैठक वर्चुअली आयोजित की। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल संयंत्र, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, दूरसंचार, नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश के अवसरों पर रविवार को रचनात्मक चर्चा हुई।

बैठक की सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और सऊदी ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने की। दोनों पक्षों ने टास्क फोर्स की तकनीकी टीमों के बीच हुई चर्चाओं का जायजा लिया और दो-तरफा निवेश को पारस्परिक लाभकारी तरीकों से बढ़ावा देने के उपायों की विस्तार से समीक्षा की।

अमेरिकी डॉलर के सऊदी निवेश पर भी हुई चर्चा

बैठक में, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान घोषित 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सऊदी निवेश को समर्थन देने के लिए भारत सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराया। दोनों पक्षों ने बातचीत को आगे बढ़ाने और विशिष्ट निवेशों पर समझौते तक पहुँचने के लिए अपनी-अपनी तकनीकी टीमों के बीच नियमित परामर्श पर सहमति जताई।

 सऊदी के निवेश के लिए फिर दिया समर्थन

पेट्रोलियम सचिव के नेतृत्व में एक सशक्त प्रतिनिधिमंडल तेल और गैस क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद निवेश पर चर्चा के लिए सऊदी अरब का दौरा करेगा। बयान में कहा गया है कि सऊदी पक्ष को भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड पीआईएफ का एक कार्यालय स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में नीति आयोग के सीईओ, आर्थिक मामलों के सचिव, वाणिज्य, विदेश मंत्रालय, डीपीआईआईटी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और भारत के बिजली सचिव शामिल हैं।

 

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