राहुल गांधी की जाति जाननी है तो रामचेत मोची से पूछिए, सब्ज़ी बेचने वाले रामेश्वर से पूछिए, निर्भया की मां से पूछिए, हाथरस की गुड़िया के परिवार से पूछिए, शहीद अग्निवीरों के परिवार से पूछिए, या करोड़ों दलितों, वंचितों, आदिवासियों, और पिछड़ों से पूछिए जिनके हक़ के लिए वे संघर्ष कर रहे हैं।
संसद में जाति पर बहस चल रही है। ‘जिनकी जाति का पता नहीं’ वाले अनुराग ठाकुर के बयान पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आपत्ति जताई। हालांकि, पीठासीन अधिकारी जगदंबिका पाल ने जाति से संबंधित बयानों को लोकसभा की कार्यवाही से हटाने की बात कही। बयान कार्यवाही से हटा लिया गया, लेकिन यह राजनीति में छप गया। इसके बाद लोग राहुल गांधी के दत्तात्रेय गोत्र और कौल ब्राह्मण वाले बयान पर चर्चा करने लगे। यह विश्लेषण किया जाने लगा कि राहुल गांधी को यह बात क्यों चुभी। हालांकि, कांग्रेस के नेता और राहुल गांधी ने एक स्वर से कहा कि वे जातिगत जनगणना करवा कर ही रहेंगे, चाहे जाति पर कितनी भी आलोचनाएँ झेलनी पड़े।
राहुल गांधी के परदादा पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे, और वे कश्मीरी पंडित परिवार से आते थे। पंडित नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने पारसी धर्म के अनुयायी फिरोज गांधी से विवाह किया। इंदिरा गांधी के बेटे और राहुल गांधी के पिता, राजीव गांधी ने ईसाई धर्म की सोनिया गांधी से शादी की। राहुल गांधी ने पिछले चुनावों के दौरान मंदिर में पूजा करते समय जनेऊ भी पहना, जिसे सबने देखा। जब बीजेपी ने राहुल गांधी की जाति और धर्म को लेकर सवाल उठाए, तो कांग्रेस ने जवाब दिया कि राहुल गांधी दत्तात्रेय गोत्र के कौल ब्राह्मण हैं।
सड़क से संसद तक जाति का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बहस को और तीव्र किया और कहा, ‘लोकसभा में ये मुद्दा उठाया गया, और नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा।’ वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने टिप्पणी की कि ‘सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना देश के 80 प्रतिशत लोगों की मांग है, लेकिन संसद में कहा गया कि जिनकी जाति का पता नहीं है, वे गणना की बात करते हैं।’
सुप्रिया श्रीनेत ने अनुराग ठाकुर की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें जाति पर चर्चा करने में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने ठाकुर से पूछा कि वह राहुल गांधी की जाति जानना चाहते हैं, जिनके परदादा ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नौ साल जेलों में बिताए, दादा ने अपने जीवन को देश के लिए समर्पित किया, दादी और पिता ने शहादत दी, और मां ने देश के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी। श्रीनेत ने कहा कि अनुराग ठाकुर के पास राहुल गांधी के सामने खड़े होने की नैतिक या क़द की हैसियत नहीं है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यदि राहुल गांधी की जाति जाननी है, तो रामचेत मोची, सब्ज़ी बेचने वाले रामेश्वर, निर्भया की मां, हाथरस की गुड़िया के परिवार, शहीद अग्निवीरों के परिवार, और करोड़ों दलितों, वंचितों, आदिवासियों, और पिछड़ों से पूछें जिनके हक़ की लड़ाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी का नाम सड़कों पर लेकर देखें, देश अपने बेटे और भाई पर किस तरह की मोहब्बत लुटाता है।







