सागर (मध्य प्रदेश): सागर जिले के देवरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत रसेना में स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल रसेना की 90 वर्ष पुरानी जर्जर बिल्डिंग को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। स्कूल भवन की खस्ता हालत को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एसडीएम के आदेश पर स्कूल को ग्राम के सहकारी भवन में शिफ्ट कर दिया गया है।
जर्जर भवन से बच्चों को खतरा
शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल रसेना की जर्जर बिल्डिंग की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि बच्चों के लिए यह खतरे की घंटी बन चुकी थी। इस समस्या को TV 27news ने प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
- एसडीएम का आदेश: देवरी एसडीएम ने प्राचार्य को मौखिक आदेश जारी कर स्कूल को अन्य भवन में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
- पीडब्ल्यूडी विभाग को जिम्मेदारी: जर्जर बिल्डिंग को डिस्मेंटल करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है।
- सहकारी भवन में शिफ्ट: गुरुवार से स्कूल को ग्राम के सहकारी भवन में शिफ्ट कर दिया गया है ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है। ग्राम पंचायत रसेना के सरपंच प्रतिनिधि देवेंद्र खरे और उप सरपंच अक्षय यादव ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है और प्रशासन ने सही कदम उठाया है।
प्रभारी प्राचार्य प्रभात लोधी ने बताया कि बच्चों की शिक्षा को बाधित न होने देने के लिए यह फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री और कलेक्टर का सख्त रुख
यह घटना शाहपुर की एक अन्य घटना के बाद हुई है जिसमें जर्जर भवनों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और सागर कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई की थी। यह दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं।
निष्कर्ष:
सागर जिले में जर्जर स्कूल भवनों के मुद्दे पर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है। यह उम्मीद की जाती है कि अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी ताकि सभी बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।







