ग्वालियर में पिछले दिनों आयोजित हुए रीजनल इंडस्ट्रियल कान्क्लेव को लेकर सरकार काफी उत्साहित थी, माना ये जा रहा था कि इस इंडस्ट्रियल कान्क्लेव में 17-18 हजार करोड़ का निवेश ग्वालियर चम्बल में आएगा, लेकिन यह कॉन्क्लेव भी सफेद हाथी साबित हुआ, आपको बता दें कि ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय में रीजनल इंडस्ट्रियल कान्क्लेव का आयोजन किया गयि था जिसमें मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर समेत तमाम नेताओं और उद्योगपतियों ने शिरकत की थी, वहीं प्रदेश के MSME मंत्री चेतन कश्यप ने भी बड़ी बड़ी बातें करते हुए 8 हजार करोड़ के निवेश की बात कही थी लेकिन कॉन्क्लेव हुए चार दिन बीत चुके हैं अब तक निवेश का आंकड़ा 5 हजार करोड़ को भी टच नहीं कर पाया है, वहीं इस आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने चुटीले अंदाज ही सही लेकिन ग्वालियर के ज़ख्मों पर नमक छिड़कते हुए कहा था कि यहाँ के लोग विनम्रता के साथ गोली मार देते हैं, जिसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है l
ग्वालियर संभाग के इंडस्ट्रियल कान्क्लेव में मंच पर आसीन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश के तमाम मंत्रियों के साथ इस कॉन्क्लेव में आए इंडस्ट्रियलिस्ट्स मुख्यमंत्री की बात से अचानक खौफजदा हो गए क्योंकि प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने ग्वालियर के पुराने गन कल्चर के विषय में बड़ा बयान देते हुए कहा कि यहाँ गोली भी विनम्रता के साथ मारते हैं कहते हैं पंडित जी राम राम और धांय…।
मुख्यमंत्री का ये विवादित बयान यहां उद्योग लगाने वाले निवेशकों को असमंजस में डाल देगा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस बयान को लपकते हुए मुख्यमंत्री पर आरोप लगा डाला कि सीएम ने इस प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था का सच बताया है, यह इंडस्ट्रियल कान्क्लेव अडानी के बेटे को प्रमोट करने के लिए था,
बता दें कि पूर्व में ग्वालियर के औद्योगिक क्षेत्र में इंडस्ट्रियलिस्ट्स की किडनैपिंग हो चुकी है यही वजह है कि अब यहाँ उद्योग धंधे खत्म होने के कगार पर हैं, वहीं इस मामले में भाजपा का कहना है कि काफि दिनों बाद ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो ग्वालियर में कॉन्क्लेव करवा रहे हैं इससे पहले इंदौर भोपाल और जबलपुर में कॉन्क्लेव होते थे, वहीं मुख्यमंत्री के बंदूक और गोली वाले बयान पर कहा वो उन्होंने मजाक में कहा होगा, अब यहाँ व्यापार उद्योग धंधे आएंगे क्योंकि यहां एयरपोर्ट है रेल्वे स्टेशन का नवीनीकरण हो रहा है निवेशकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति सरकार कर रही है लेकिन कांग्रेस भी अपने गिरेबान में झांके क्योंकि जहाँ उनकी सरकारें हैं वहाँ अडानी अम्बानी को क्यों बुलाते हैं।







