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भगवान महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा पहुंची मंडला, जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत

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मण्डला। 1 जुलाई को मंडला में भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा भव्यता से निकाली गई। अन्तर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ(इस्कॉन) के द्वारा आयोजित इस रथ यात्रा में सैकड़ो की संख्या में धर्मप्रेमियों ने शामिल होकर भगवान को नगर भ्रमण कराया। इस अवसर पर मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा, एसडीएम सोनल सिडाम, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा, भाजपा वरिष्ठ नेता विनय मिश्रा, सांसद प्रतिनिधि जयदत्त झा, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, राष्ट्रीय स्वयं सेवक के विभाग प्रचारक पंकज तिवारी, समाजसेवी नीरज अग्रवाल, सुनील मिश्रा, सुधीर कांसकार, वरिष्ठ शिक्षक मुकेश पांडे ने भगवान जगन्नाथ स्वामी का पूजन कर श्रीफल अर्पण करते हुए रथ को नगर भ्रमण के लिए रवाना कराया। रथ यात्रा के पूर्व राम मंदिर पड़ाव में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलदेव, बहन सुभिद्रा की विधि विधान से स्थापना की गई। यहां पर महाआरती के साथ भगवान जगन्नाथ स्वामी को 56 भोग अर्पण किए गए। मातृशक्तियों ने विभिन्न प्रकार के पकवान मिष्ठान तैयार किए और भगवान जगन्नाथ स्वामी को अर्पित किए।

इस दौरान हरे कृष्णा, राधे कृष्णा के भजन के साथ धर्मप्रेमियों ने भगवान जगन्नाथ स्वामी से अपने दुख हरने की मनोकामना मांगी। इस दौरान स्वामी का भक्तों ने स्वागत वंदन करते हुए इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर आभार व्यक्त किया। रथ महोत्सव के इस आयोजन पर नगर के विभिन्न स्थानो में सामाजिक संगठनों के द्वारा स्वागत किया गया और धर्मप्रेमियो ने भगवान जगन्नाथ स्वामी की जगह-जगह आरती करते हुए जयघोष के साथ जय जगन्नाथ के नारे लगाए। इस अवसर परम पूज्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने बताया कि इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, जो कि भगवान कृष्ण हैं व उनके बड़े भाई बलभद्र जो बलराम जी हैं और बहन सुभद्रा जो कि अर्जुन की पत्नी हैं के साथ बड़े शान से सौंदर्य तरीके से सजाये गये सुसज्जित रथ के साथ मंडला के निवासियों पर अपनी कृपा कटाक्ष बरसाते हुए आए हैं। ऐसी पौराणीक मान्यता है कि जो रथ पर सवार इन भाई-बहनों को देखेगा वह सभी पापों से मुक्त हो जाएगा। रथयात्रा का आध्यात्मिक इतिहास अत्यंत गहरा है। पुराणों में वर्णित है कि पहली रथ यात्रा तब मानी जाती है जब वृंदावन वासियों ने भगवान श्रीकृष्ण को कुरुक्षेत्र से रथ में बैठाकर अपने साथ ले जाने का प्रयास किया। उसी प्रेम भावना को पुरी और कुरुक्षेत्र की रथ यात्राएं दोहराती हैं।

शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान के रथ-दर्शन से करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और यह रथयात्रा उसी कृपा का विस्तार है। बता दें अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ इस्कॉन के द्वारा भव्य जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया गया है। यह आयोजन इस्कॉन उज्जैन की प्रेरणा से हो रहा है जो कि पूरे मध्यप्रदेश में 34 स्थानों पर रथयात्रा जा रही है। इसी कड़ी में 1 जुलाई को यह रथ यात्रा मंडला पहुंची जहां इस पुनीत कार्य का नेतृत्व परम पूज्य भक्ति प्रेम स्वामी महाराज ने किया। जो इस्कॉन उज्जैन के अध्यक्ष और दीक्षा गुरु हैं। यह दो किलोमीटर लंबी रथयात्रा दोपहर 2 बजे राम मंदिर पड़ाव से आंरभ हुई जो चिलमन चौक बड़ चौराहा, रेडक्रॉस, बैगा-बैगी चौंक, नेहरू स्मारक होते हुए महिष्मति घाट पहुंची। जहां पर भगवान जगन्नाथ स्वामी की महाआरती की गई और भक्तों के दर्शन के लिए रथ को विश्राम दिया गया। साथ ही यहां पर मां नर्मदा की पंचचौंकी महाआरती की गई जिसमें सैकड़ो की संख्या में धर्मप्रेमी शामिल हुए। वहीं भव्य भंडारे प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। बता दें कि मंडला की इस विशाल रथ यात्रा जो कि नगर में आकृर्षण और चर्चा का विषय बन गई जिसकी मुख्य वजह ऐसा रथ जो 15 फीट ऊंचा विशेष रथ जिसमें 10 फीट ऊंचा समायोज्य गुंबद भी रहा है। जो उज्जैन से मंडला लाया गया था। पूरे मार्ग में 20 से अधिक स्वागत स्थलों पर भगवान का आरती, छप्पन भोग पुष्पमाला के साथ जोरदार स्वागत धर्मप्रेमी सामाजिक संगठनों ने किया।

इस शोभायात्रा में विशेष आकर्षण के रूप में आदिवासी सांस्कृतिक दल शामिल रहा जिससे आदिवासी सांस्कृति की झलक दिखाई दी। बच्चों ने शानदार प्रस्तुति दी। वहीं स्कॉट गाईड और एनसीसी के बच्चों ने भी सहभागिता दर्ज कराई यातायात व्यवस्था को लेकर इनर वॉइस को जिम्मेदारी दी गई थी। रथयात्रा में भक्तों की टोली ने पूरे मार्ग में हरिनाम संकीर्तन करती हुई वातावरण को भक्तिमय बना दिया। बताया गया इस कि रथ यात्रा का आध्यात्मिक संदेश अत्यंत गहन और प्रेरणादायक है। यह उत्सव दर्शाता है कि ईश्वर की कृपा सभी भक्तों के लिए समान रूप से उपलब्ध है चाहे वे किसी भी वर्ग या धर्म के हों। रथ यात्रा में भगवान का मंदिर से बाहर आना प्रतीक है कि वे अपने भक्तों के करीब हैं और उनकी भक्ति को स्वीकार करते हैं। रथ का खींचना जीवन की आध्यात्मिक यात्रा को दर्शाता है जो आत्मा को भौतिक बंधनों से मुक्त कर ईश्वर की ओर ले जाती है। सैकड़ो भक्तों का एक साथ रथ खींचना सामूहिक भक्ति, एकता, और सहयोग की शक्ति को प्रकट करता है। यह उत्सव विनम्रता का पाठ पढ़ाता है। वहीं पत्रकार कमलेश मिश्रा ने सभी भक्तो के माथे में तिलक लगाया।

इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा, नगर पालिका उपाध्यक्ष अखिलेश कछवाहा, भाजपा नेता पारस असरानी, राजेश क्षत्री, सुनील अग्रवाल, रोहित बघेल, मुकेश सोनी, अनमोल अग्रवाल, प्रवीण तिवारी, कपिल तिवारी, पार्षद सुधीर मिश्रा, नरेश सिंधिया, जितेन्द्र वर्बे, सुनील मिश्रा, इन्द्रेश बब्बल खरया, बब्बी रावत, मनोज चौरसिया, नरेश कछवाहा, रोचीराम गुरवानी, अंकित नामदेव, रेनू कछवाहा, गुड्डू सिंधिया, किशोर रजक, कमलेश सोनी, दिनेश चौधरी, दिनेश दुबे, आकाश क्षत्री, रंजीत कछवाहा, सुनील बाली, सुधीर दुबे, गीता साहू, उमा यादव, दीप्ती नरेलिया, सहायक आयुक्त श्रीमति वंदना गुप्ता, शिखा श्रीवास्तव, अनीता तिवारी, शशि पटैल, शीतल वैष्णव, नीता उपाध्याय, पुष्पा ज्योतिषी उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम में मंच का संचालन अखिलेश उपाध्याय के द्वारा किया गया। वहीं रथयात्रा के आरंभ समय श्रीराम मंदिर प्रागंण में सामाजिक कार्यकर्ता अशोक खरबंदा एवं श्रीमति आशा खरबंदा के द्वारा भक्तों को खिचड़ा वितरण किया गया।

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