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झोलाछाप डॉक्टरो पर बड़ा एक्शन : फर्जी डिग्री से कर रहे थे ईलाज, जिला प्रशासन ने क्लीनिक को किया सील

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मण्डला। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंडला डॉ. डी.जे. मोहन्ती ने जानकारी दी कि कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग मंडला द्वारा जिले में नियम विरूद्ध अपनी विधि के विपरीत जाकर ऐलोपैथी विधि से क्लीनिक का संचालन करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध विभाग द्वारा लगातार कार्यवाही चल रही हैं। नारायणगंज और मवई विकासखण्ड के औचक निरीक्षण एवं कार्यवाही उपरांत बीजाडांडी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में औचक निरीक्षण जिला स्तरीय दल, विकासखण्ड स्तरीय दल, राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से 8 क्लीनिक का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में चार क्लीनिक नियम विरूद्ध तरीके से संचालित पाए गए, उन्हें तत्काल सील कर आगे की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। अन्य चार को चेतावनी दी गई कि वे शासन के नियमानुसार ही क्लीनिक का संचालन करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि क्लीनिक के संचालन हेतु शासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देश अनुसार ही संचालित होनी चाहिए। जिनमें प्रमुख रूप से चिकित्सक के रूप में वैध पंजीयन हो, क्लीनिक चलाने की अनुमति जिला स्तर से प्राप्त हो साथ क्लीनिक में अपनी विधि अनुसार ही इलाज एवं दवाईयां रखें। शासन के दिशा निर्देश के अनुसार ही जिले में क्लीनिक संचालित हो। इसके लिए यह औचक निरीक्षण अभियान लगातार जिला स्तरीय दल, विकासखण्ड स्तरीय दल, राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के द्वारा जारी रहेगा। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सक्रिय रहेगा तथा नियम विरूद्ध क्लीनिक संचालन करते पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही संबंधित के विरूद्ध की जावेगी। जिले में किसी भी झोलाछाप जो खुद को चिकित्सक मानकर क्लीनिक चला रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। सीएमएचओ डॉ. डी.जे. मोहन्ती ने बताया कि वर्षा ऋतु में सर्दी जुकाम, उल्टी-दस्त, सांप के काटने एवं जानवरों द्वारा काटे जाने के प्रकरण ज्यादा आते हैं। ग्रामीण क्षेत्रो मे स्वास्थ्य विभाग का पर्याप्त स्टॉफ है, जिसमें सीएचओ, एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर पदस्थ है। प्राय: मरीज इन झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फँसकर गंभीर अवस्था में शासकीय अस्पताल आते हैं एवं कई बार उनकी जान चली जाती है। उसे ही ध्यान में रखकर औचक निरीक्षण किया जा रहा है। सीएमएचओ डॉ. मोहन्ती ने जिले भर में क्लीनिक संचालित कर रहे समस्त डॉक्टरों से अपील की है, कि वे अपने विधि अनुसार ही चिकित्सा सेवाएं दें एवं पंजीयन, क्लीनिक संचालन हेतु जिले से अनुमति अवश्य लें। अन्यथा उनके विरूद्ध औचक निरीक्षण कर सख्त कार्यवाही की जावेगी। साथ ही आमजनों से भी अनुरोध किया है कि वे नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क इलाज करा सकते हैं या पंजीकृत योग्य चिकित्सकों से जिनकी वैधता हो, उनसे ही इलाज कराएं एवं सुरक्षित रहें। जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। जिला मुख्यालय सहित छोटे बड़े हर एक गांव में डॉक्टर एक छोटे कमरे में अपनी सूझबूझ के साथ लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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