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विश्व हिन्दू परिषद का 61वां स्थापना दिवस : समरसता संगोष्ठी में गूंजा सेवा और एकता का संकल्प

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मण्डला। विश्व हिंदू परिषद का 61वां स्थापना दिवस एवं सामाजिक समरसता संगोष्ठी का आयोजन झंकार भवन मंडला में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीराम के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वालित से हुआ। मुख्य अतिथियों का स्वागत कोषाध्यक्ष हितेश दुबे ने किया। इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप में केन्द्रीय मंत्री देवजी भाई रावत ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद का उद्देश्य केवल धार्मिक या संगठनात्मक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और सेवा पर आधारित है। विहिप ने अपने 61 वर्षों के कार्यकाल में समाज के सभी वर्गों को जोडऩे का काम करते आ रहा है। विश्व हिन्दू परिषद में विषम परिस्थितियों मे भी काम किया है। हर कार्यकर्ता विहिप नीव हैं। गिरिवासी और वनवासी समाज की सेवा, मठ-मंदिर और तीर्थों का संरक्षण तथा शिक्षा-संस्कार के क्षेत्र में संगठन ने जो कार्य किए हैं, वह समाज को शक्ति प्रदान करने वाले हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश जैन जी ने की । वहीं उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू समाज की एकता ही राष्ट्र की मजबूती का आधार है। जब-जब समाज में विघटन पैदा करने की कोशिश हुई है तब-तब विहिप ने संगठनात्मक शक्ति और सेवा कार्यों से समाज को दिशा देने का कार्य किया है। मुख्य अतिथि सुभाष डगोरिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि संगठन की स्थापना 1964 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हुई थी और तब से विहिप ने सेवा, संस्कार और सामाजिक उत्थान को अपना मूल ध्येय बनाया है। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, कार्यकर्ता एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि हिंदू समाज की एकता और सामाजिक समरसता के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। कार्यक्रम में विहिप के जिला अध्यक्ष मनोज फागवानी और अमित बैरागी ने संगठन की 61 वर्षों की यात्रा का संक्षिप्त इतिहास साझा किया। वही इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष मनोज फागवानी ने कहा कि आज के समय में सामाजिक समरसता सबसे बड़ी आवश्यकता है। जब समाज एकजुट होकर चलता है तभी राष्ट्र मजबूत होता है। हमें जाति, भाषा और प्रांत के भेदभाव से ऊपर उठकर एक भारत – श्रेष्ठ भारत के संकल्प को साकार करना होगा। श्री फागवानी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़े रहकर आधुनिकता को अपनाना चाहिए। सेवा और संस्कार के मार्ग पर चलकर ही हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि विहिप ने बीते 61 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार के क्षेत्र में हजारों प्रकल्प संचालित किए हैं, जिनसे लाखों लोगों का जीवन बदला है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने वनवासी क्षेत्रों में विद्यालय, चिकित्सा शिविर, संस्कार केंद्र चलाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ाव को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि विहिप का लक्ष्य केवल हिंदू समाज को संगठित करना ही नहीं बल्कि राष्ट्रहित में सभी वर्गों को साथ लेकर चलना है। यही सामाजिक समरसता का सही मार्ग है। वहीं मंच का संचालन नगर मंत्री रितेश कछवाहा ने किया। इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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