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शासन की अनदेखी से मनरेगा उपयंत्रियों में आक्रोश, खोला मोर्चा, 8 सूत्रीय मांगें पूरी न होने तक करेंगे कार्य बहिष्कार

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मण्डला। मनरेगा अभियंता संघ मप्र के द्वारा अपनी आठ सूत्रीय मांगो को लेकर 25 अगस्त तक सामुहिक अवकाश पर चले गए थे और आज से मनरेगा उपयंत्री अनिश्चित कालीन कलम बंध हड़ताल पर जा रहे हैं। मनरेगा अभियंता संघ के जिला अध्यक्ष अभय गुप्ता ने बताया कि मनरेगा उपयंत्री अपनी 8 सूत्रीय मांगो के लेकर अवकाश पर चल रहे थे लेकिन अब तक शासन एवं प्रशासन की ओर से समाधानकारक परिणाम ना आने से मानसिक अवसाद में हैं। चूंकि मनरेगा उपयंत्री विगत कई वर्षों से विभिन्न संगठनो के बेनर तले अपनी मांगो को लेकर शासन को अवगत कराता रहा है। किन्तु मांगो की पूर्ति न होकर मनरेगा उपयंत्री निरंतर शोषण का शिकार होते रहे मांग है कि संविदा पारिश्रमिक की गणना नियुक्ति दिनांक की सेवा अवधि से समकक्ष सेवा अवधि वाले नियमित उपयंत्री के वेतन के समतुल्य करने एवं तदनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि भी मिलनें के आदेश तत्काल जारी हो। मनरेगा उपयंत्री की मृत्यु होने पर आश्रितो को अनुकंपा नियुक्ति मिलने के आदेश तत्काल जारी हो। मनरेगा उपयंत्रियों को किसी भी प्रकरण में पद से पृथक किये जाने के स्थान पर निलंबित किए जाने का आदेश किया जावें। जिला या प्रदेश स्तर पर आरईएस एवं मनरेगा के उपयंत्रियों की संयुक्त वरिष्ठता सूची अनुसार सहायक यंत्री के प्रभार दिए जाने के आदेश जारी हो अधिकांश जिलों में आरईएस के जूनियर उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार मिला हुआ है। नियमित कर्मचारियों की भांति मनरेगा उपयंत्री हेतु उपादन ग्रेजुएटी भुगतान के आदेश तत्काल जारी हो एवं 1 अगस्त 2023 के बाद मृत या सेवानिवृत हुए उपयंत्रियों को भी इसका लाभ देने के आदेश हो संविदा सेवा का नवीनीकरण एक वर्ष नहीं 5 वर्ष की सीआर के आधार पर हो ताकि वित्तीय वर्ष के आखिरी में उपयंत्रियों का शोषण ना हो। मनरेगा उपयंत्रियों से केवल और केवल तकनीकि कार्य ही कराये जाये एवं चूंकि मनरेगा मांग आधारित योजना है, इसे लक्ष्य आधारित योजना बनाकर उपयंत्रियों का शोषण बंद किया जाये मनरेगा के उपयंत्रियों का भी अपना परिवार होता है जिसका पोषण उसकी जिम्मेदारी होती है। माह की प्रथम तारीख को वेतन मिल जाये यह सुनिश्चित हो।

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