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स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम उतरा पटरी से नीचे, एक ही गावं, एक ही परिवार में चार लोगों की हुई मौंत…जानिए वजह.

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मण्डला। जनपद पंचायत घुघरी की ग्राम पंचायत लाफन के सिमरिया ग्राम में उल्टी दस्त से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। तीन की मौत दो दिन में हुई है। मरने वालों में 18 महीने का बच्चा भी शामिल है। बताया जाता है कि सभी को डायरिया हुआ था। परिवार में अन्य लोगों की हालत भी खराब है। घटना घुघरी तहसील के लाफन ग्राम पंचायत के सिमरिया गांव की है। मृतकों में मुन्ना केराम 48 वर्ष नरवदिया केराम 68 वर्ष देवीसिंह केराम 44 वर्ष और 18 महीने का आदित्य अमरसिंह केराम का पुत्र शामिल हैं। सबसे पहले तीन दिन पूर्व आदित्य शामिल हैं। यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम भी जांच के लिए गांव पहुंची है। परिवार और गांव के अन्य लोगों की जांच की जा रही है। फिलहाल यह सामने नहीं आया है कि डायरिया किस कारण फैला है। मौके पर बीएमओ डॉ. नीरज राज, एसडीएम हुनेन्द्र घोरमारे, पीएचई एसडीओ अभय जोशी मौजूद हैं। देवीसिंह की बेटी राजेश्वरी ने बताया कि आदित्य को उल्टी-दस्त हुई और अचानक झटके आए और मौत हो गई। उस वक्त की मां खेत पर थी। इसके बाद 13 सितंबर को मेरे बड़े पापा मुन्ना केराम और दादी नरबदिया केराम को उल्टी दस्त हुए। दोनों को निजी अस्पताल में दिखाया लेकिन असर नहीं हुआ। इसी दिन दोनों ने दम तोड़ दिया। इस दौरान पिता देवीसिंह केराम को भी उल्टी दस्त होने लगे। उन्हें बिछिया में भर्ती कराया गया था। बीएमओ डॉक्टर नीरज राज का कहना है कि घर में मौजूद मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए मंडला भेजें गए हैं। परिवार की रमकी बाई को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। जांच के बाद ही कारण सामने आएगा। गांव के लोग कुएं का पानी पीते हैं। दूषित पानी भी कारण हो सकता है। एक हफ्ते तक टीम गांव में रहकर सर्वे करेगी। विधायक नारायण सिंह पट्टा भी मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि खुले क्षेत्र का पानी पीना पड़ रहा है। शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से संक्रमण हो रहा है। अस्पताल में भी स्टॉफ डॉक्टर नहीं है। उन्होंने हर घर नल जल योजना पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में लोगों को खुले और दूषित पानी का सेवन करना पड़ रहा है जिसके कारण संक्रमण फैल रहा है और मौतें हो रही हैं। विधायक पट्टा ने साफ तौर पर कहा कि दूषित पानी पीने की वजह से मौतें हुई हैं जो सरकार के शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के दावों की पोल खोलता है। यह स्थिति इस बात की तरफ इशारा करती है कि सरकारी योजनाएं कागजों पर तो सफल दिखती हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जिस तरह से विधायक ने बताया लोग मजबूरी में खुले स्रोतों से पानी पी रहे हैं जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए खतरा है। इस तरह के दूषित पानी से होने वाले संक्रमण से कई लोगों की जान जा चुकी है। विधायक पट्टा ने केवल पानी की समस्या पर ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ और डॉक्टर नहीं हैं जिससे मरीजों को समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में जब लोग दूषित पानी के कारण बीमार हो रहे हैं तो अस्पताल में सुविधाओं की कमी उनकी तकलीफ को और बढ़ा रही है। गांव में कई लोग उल्टी-दस्त से पीडि़त हैं। मृतकों के परिवार और गांव के लोगों में डर का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव में तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही डायरिया को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
स्वास्थ्य टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही
खण्ड चिकित्सा अधिकारी घुघरी के द्वारा ग्राम सिमरिया में उल्टी दस्त फैलने की सूचना मिलने पर तत्काल आरआरटी टीम एवं कॉम्बैट टीम के द्वारा ग्राम सिमरिया सेक्शन लाफन ब्लॉक घुघरी का दौरा किया गया जिसमें डॉ. वायॅ.के. झरिया जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी, डॉ. नीरज राज खंड चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य चिकित्सा दल के द्वारा ग्राम सिमरिया में जांच एवं उपचार की कार्रवाई की गई। जिस परिवार में मृत्यु हुई है उनसे भी संपर्क कर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया एवं मृत्यु के संभावित कारणों को जानने का प्रयास किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपने दांवे
जानकारी लेने पर पाया गया कि आदित्य पिता अमर सिंह 18 महीने बालक झाडिय़ां में खेलने गया था एवं वहां से आने के बाद उसे शरीर में झटके आने लगे एवं उसके बाद उसकी मृत्यु हो गई । उसे उल्टी दस्त नहीं था दिनांक 13 सितंबर 2025 को देव सिंह केराम पिता बल्कू सिंह के द्वारा हेल्थ केयर हॉस्पिटल में डॉं. गुरु मोहन सिंह से इलाज करवा रहे थे उनकी जांच रिपोर्ट एवं उपचार रिपोर्ट परीक्षण करने पर पाया गया कि उन्हे किडनी संबंधी बीमारी थी जिसका कि वह इलाज करवा रहे थे हेल्थ केयर हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था उन्हें हेल्थ केयर हॉस्पिटल डॉ.गुरूमोहन सिंह के द्वारा जबलपुर मेंडिकल कालेज रिफर किया गया था परन्तु परिवार जनों द्वारा उन्हें मेंडिकल कालेज ना ले जा कर वापस ग्राम सिमरिया ले आये किडनी संबंधी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हुई। अन्य दो मृत्यु के बारे में तथ्यों का परीक्षण किया जा रहा है, एवं जॉच प्रक्रियाधीन है। चिकित्सा दल द्वारा ग्राम में भ्रमण के दौरान टीम द्वारा ग्राम सिमरिया में जांच एवं उपचार की कार्रवाई की गई जिसमें सामान्य दस्त के 6 मरीज पीडि़त पाए गए जिन्हें तत्काल उपचार दिया गया एवं 3 मरीजों को 108 एंबुलेंस के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुघरी में सतर्कता के तौर पर भर्ती किया गया है, जहां वे उपचार ले रहे है।
कुंए का पानी पीते है परिवार
सर्वे में पाया गया कि पूरा परिवार एक ही कुएं का पानी पीते थे जिसे 7 दिन पहले आशा कार्यकर्ता के द्वारा क्लोरिनेंशन किया गया था उस कुऐं के अलावा ग्राम में कहीं भी उल्टी दस्त के केस नहीं पाये गये। ग्राम सिमरिया एवं उसके आसपास से लगे गांव में लगातार जल शुद्धिकरण आशा एएनएम के द्वारा किया गया एवं लगातार क्लोरिनेशन करने के निर्देश दिए गए हैं एवं किसी भी सूचना मिलने पर तत्काल केस को उपचार एवं रेफर करने के निर्देश दिए गए हैं ग्राम सिमरिया में 2 एंबुलेंस 108 को ग्राम में तैनात किया गया है ताकि किसी भी विषम परिस्थितियों में केस को तत्काल रेफर किया जा सके विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं आरबीएसके चिकित्सा दल, मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं सीएचओ एवं एएनएम को ग्राम सिमरिया में घर-घर जाकर सर्वे जॉच व उपचार करने हेतु निर्देशित किया गया है। चिकित्सा दल को ग्राम में 5 दिनों के लिए अस्थाई केम्प लगाकर सामान्य स्थिति होने तक वहीं पर रहकर कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है, साथ ही आसपास के क्षेत्र से भी एएनएम, आशा कार्यकर्ता की ड्यूटी लगाई गई है, दूसरे क्षेत्र से भी आशा एएनएम, सीएचओ को जांच एवं उपचार हेतु कार्य संलग्न किया गया है।
पीएचई ने किया क्लोरिनेशन
जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रेयांश कुमट के निर्देशानुसार एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री मनोज भास्कर के मार्गदर्शन में ब्लॉक घुघरी के ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम सिमरिया में पीएचई विभाग द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सभी 14 पेयजल स्त्रोतों जिसमें 7 हैंडपंप एवं 7 कुआं में जर्मेक्स एवं ब्लीचिंग पॉउडर डालकर क्लोरिनेशन का कार्य किया गया। क्लोरिनेशन कार्य के साथ-साथ ग्रामीणों को पानी को छानकर उबालकर पीने के लिए समझाइश दी गई।

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