मण्डला। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के नाम से एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र में नक्सलियों ने सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए अस्थायी तौर पर हथियारबंदी का ऐलान किया है। हालांकि पुलिस ने इसे भ्रामक बताया है पत्र में दावा किया गया है कि संगठन के महासचिव समेत 28 साथियों की मौत सैकड़ों एनकाउंटर और हजारों सरेंडर के बाद यह फैसला लिया गया है। इसमें एक माह के लिए सीजफायर की घोषणा की गई है और खोजी अभियानों को रोकने की मांग की गई है। नक्सलियों ने मुख्यधारा में शामिल होने जेल में बंद साथियों से सलाह मशविरा करने और दलित आदिवासी अल्पसंख्यक व बुद्धिजीवियों से सहयोग की अपील की है। पत्र में सरकार की सकारात्मक पहल पर शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का भरोसा भी जताया गया है। यह पत्र 15 अगस्त की तारीख में अंकित है और इसे भाकपा माओवादी के प्रवक्ता अभय द्वारा जारी करने का दावा किया गया है। इसमें एक फोटो ईमेल आईडी और फेसबुक आईडी भी शामिल है एसपी रजत सकलेचा ने इस पत्र को भ्रामक करार दिया है। उन्होंने कहा कि नक्सली लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। एसपी ने बताया कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की है। इसके तहत सुरक्षा बल जंगल के कोने-कोने में सर्चिंग अभियान चला रहे हैं। पिछले एक साल में मंडला में तीन बार नक्सलियों से आमना-सामना हुआ है। एक एनकाउंटर में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की दो महिला नक्सली मारी गईं थी। एसपी ने यह भी बताया कि वनांचल क्षेत्र में सडक़, नेटवर्क और मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। साथ ही जागरूकता कैंपों के जरिए ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। इन प्रयासों से नक्सलियों के प्रति लोगों की सहानुभूति खत्म हो रही है जिससे वे दबाव में हैं। पत्र में नक्सलियों ने भी इस दबाव को स्वीकार किया है। पुलिस अधीक्षक ने सरकार की सरेंडर पॉलिसी का जिक्र करते हुए नक्सलियों से मुख्यधारा में शामिल होने अपील की है।







