गुरुपूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम
मध्यप्रदेश शासन ने आज की बदलती संस्कृति को लेकर आज की पीढ़ी को वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान से रूबरू कराने के उद्देश्य से एक सार्थक पहल की है। इस पहल के तहत, प्राचीन काल में गुरु-शिष्य के संबंधों के विषय पर आज की पीढ़ी को अवगत कराने के लिए दो दिवसीय आयोजन करने के निर्देश सभी विद्यालयों को दिए गए हैं। इसी को लेकर, इफा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गुरुपूर्णिमा पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियाँ
इस कार्यक्रम में गुरु-शिष्य संबंध को लेकर निबंध लेखन, गुरुओं का सम्मान और उनके माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया गया। इस अवसर पर शाला में पूर्व शिक्षकगण और छात्राएं भी उपस्थित रहीं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और गुरु-शिष्य के संबंध प्राचीन काल में गुरुओं का आदर-सत्कार और उनके द्वारा दी गई सीख से आज हम धर्मग्रंथों का अध्ययन कर रहे हैं।
पुराने समय की परंपराएँ
पुराने समय में हम इस दिवस को पट्टी पूजा के रूप में मनाते थे, पर धीरे-धीरे इस दिन का महत्व खत्म होता जा रहा था। शासन की इस पहल से निश्चित ही युवा पीढ़ी को गुरु-शिष्य के महत्व के बारे में समझ आएगा और गुरुओं का आदर किस तरह से किया जाना चाहिए, यह सीख भी मिलेगी।
प्रमुख वक्तव्य
ललित लिल्होरे (प्राचार्य): “शासन की इस पहल से विद्यार्थियों को न केवल आध्यात्मिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे गुरुओं के महत्व को भी समझ सकेंगे।”
माया मागरदे (शिक्षिका): “इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में गुरु-शिष्य संबंध के प्रति सम्मान और ज्ञान की भूख बढ़ेगी।”
लक्ष्मी बिंझाड़े (छात्रा): “गुरुपूर्णिमा का यह कार्यक्रम हमारे लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा।”
माही श्रीवास (छात्रा): “हमने इस कार्यक्रम के माध्यम से गुरु-शिष्य के महत्व को समझा और गुरुओं का आदर कैसे करना चाहिए, यह सीखा।”







