Digital marketing for news publishers

Home » Latest News » लव जिहाद को लेकर हिंदू जागरण मंच ने मुख्यमंत्री के नाम बिछिया एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

लव जिहाद को लेकर हिंदू जागरण मंच ने मुख्यमंत्री के नाम बिछिया एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Trending Photos

मण्डला। हिन्दू जागरण मंच बिछिया ने विगत दिनों लव जिहाद के मामलों को लेकर बिछिया एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। बताया गया कि मध्यप्रदेश के अनेक जिलों में लव जिहाद के मामले जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। मासूम बालिकाओं को अपना शिकार बनाया गया है। बता दें कि भोपाल के टीआईटी कॉलेज, उज्जैन के ग्राम बिछडोद, इंदौर के टेलीपरफॉरमेंस कर्मचारी के द्वारा किया गया कृत्य, साथ ही रीवा जिले के बिछिया थाना अंतर्गत विधर्मियों के द्वारा पूरे परिवार नाबालिक बच्चियों को फंसाने का षड्यंत्र रचा गया है। तो वहीं दमोह, सागर एवं मुरैना जिले के एक कोचिंग कम्प्यूटर संचालक द्वारा बालिकाओं के साथ दुष्कर्म किया गया है। वहीं राजगढ़, पन्ना, छतरपुर, नरसिंहपुर, सिंगरौली, मंडला, सिवनी, टीकमगढ़, शहडोल, कटनी, जबलपुर, उमरिया हर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में उजागर लव जिहाद के सुनियोजित अपराधों ने प्रदेश के जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। इन मामलों में मासूम नाबालिग बालिकाओं, युवतियों यहाँ तक कि विवाहित महिलाओं को धर्म छिपाकर, छलपूर्वक प्रेमजाल में फंसाकर न केवल उनका शारीरिक शोषण किया गया, अपितु उनकी अस्मिता व आत्मसम्मान को भी गहरी चोट पहुंचाई गई है। यह केवल कुछ व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध नहीं है यह प्रदेश की बेटियों के विरुद्ध एक संगठित षड्यंत्र है। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इन अपराधों के तार प्रदेश की सीमाओं के पार अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। यह स्थिति अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है, जिससे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों पर आघात हो रहा है। प्रदेश पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल(एसआईटी)भले ही तत्परता से कार्य कर रहा हो, किंतु यह स्पष्ट हो गया है कि यह षड्यंत्र राज्य स्तर से ऊपर उठकर राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा प्रायोजित प्रतीत होता है। राष्ट्रीय महिला आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा भी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति का गठन किया है, जिससे प्रकरण की व्यापकता और संवेदनशीलता स्वत: सिद्ध होती है। अत्यंत चिंता एवं क्षोभ के साथ सकल हिन्दू समाज मांग करता है कि इस समूचे षड्यंत्र का समूल उन्मूलन किया जाए। बेटियों की सुरक्षा और न्याय केवल तभी संभव होगा, जब इसकी गहन, निष्पक्ष और राष्ट्रीय स्तर पर जांच हो। सकल हिन्दू समाज संगठित रूप से विधर्मियों के द्वारा चलाये जा रहे संगठित अपराध लव जिहाद को समूल नष्ट करने और आरोपियों के मन में भय पैदा हो इसके लिए निम्न लिखित मांग करता है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ही एकमात्र सक्षम संस्था है, जो इन अंतरराज्यीय व संगठित अपराधों की तह तक जाकर अपराधियों के नेटवर्क को उजागर कर सकती है। अत: आपसे यह दृढ़, प्रबल और पुनरावृत्त अनुशंसा है कि आप इस विषय में शीघ्र भारत सरकार से संस्तुति कर इन प्रकरणों को एनआईए को सौंपा जाए। अपराध में सम्मिलित व्यक्तियों को अपराधी बनाने में पुलिस का ढुलमुल रवैया रहा है। इसलिए सभी मामलों में जिस किसी के द्वारा इसमें सहयोग प्रदान किया गया उन्हें भी अपराधी बनाया जावे। भोपाल, उज्जैन, मुरैना सहित अन्य जिलों में भी वीडियों के रूप में दुष्कर्म के साक्ष्य मौजूद होते हुए भी पीडि़ता एवं पीडि़ता का परिवार भय एवं बदनामी के डर से एफआईआर करने सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में शासन की ओर से मामला दर्ज कराया जाना चाहिए। अधिकांश मामलों में यह संगठित अपराध सिद्ध हो चूका है लेकिन संगठित अपराध के अंतर्गत मामला दर्ज नहीं किया गया है। इसलिए जहाँ यह स्पष्ट दिख रहा है कि एक से अधिक पीडि़ताओं के साथ दुष्कृत्य को संगठित अपरदक के रूप में अंजाम दिया गया है वहां इसकी धाराओं का इजाफा किया जावे। इंदौर में टेलीपरफॉरमेंस कर्मचारी द्वारा किया गया कांड से स्पष्ट है कि बालिकाओं के लाइसेंस बनवाने के लिए दिए गए दस्तावेजों का दुरूपयोग किया गया है। इसलिए भविष्य में किसी भी योजना के अंतर्गत दस्तावेजों को डिजिटल रूप में मांगा जावे। जैसा कि भोपाल के टीआईटी मामले में सामने आया है कि पीडिताएं नाबालिग और अनाथ भी हैं ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा और आर्थिक सहायता के लिए विशेष मदद की व्यवस्था की जाये। मध्यप्रदेश स्वतंत्रता अधिनियम 2021 केवल कागजों में ही रह गया है। 2021 से अभी तक इसके अंतर्गत ना के बराबर अपराध दर्ज किये गए हैं। इसकी उपयोगिता बनी रहे इसके लिए ऐसे सभी मामले जहाँ विधर्मी द्वारा गलत बयानी, धमकी या बल का उपयोग, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या विवाह के माध्यम से धर्म परिवर्तन के प्रयास किये वहां इसकी उचित धाराओं कि वृद्धि कि जाये सभी शासकीय और अशासकीय संस्थाओं में न केवल कार्यरत कर्मचारिओं अपितु वहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का भी पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री के द्वारा घोषणा की गयी थी कि दुष्कृत्य के मामले में अपराधी को फांसी की सजा दी जाएगी। आशा है कि घोषणा को पूर्ण करने के लिए पुलिस को गंभीर रूप से कार्यवाही करने के आदेश दिए जायेंगे जिससे साक्ष्यों के आभाव में कहीं ये घोषणा केवल घोषणा बनकर ना रह जाये। जिला संयोजक रवि साहू ने कहा की यह सभी मांगें न केवल मध्यप्रदेश की बेटियों के आत्मविश्वास को पुन: स्थापित करने के लिए हैं बल्कि उन राष्ट्र विरोधी तत्वों को भी स्पष्ट चेतावनी है कि बेटियों की अस्मिता पर आघात करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

advertisment

Digital marketing for news publishers
What is the capital city of France?