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बालगृह में निवासरत बच्चे के क्रिकेटर बनने का सपना होगा साकार, बाल कल्याण समिति की पहल

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बाल कल्याण समिति द्वारा बालक देखभाल संस्थान का किया गया निरीक्षण

मंड़ला। बाल कल्याण समिति,मंडला ने जिले में संचालित बालक देखभाल संस्थान का निरीक्षण किया। बाल कल्याण समिति,मंडला के अध्यक्ष गजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि,किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम अंर्तगत मंड़ला में सीमा सोशल वेलफेयर सोसायटी,आदर्श बालगृह (बालक) संचालित है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र गुप्ता, सदस्य श्रीमती तृप्ति शुक्ला, रंजीत कछवाहा और संतोष कुमार यादव ने बालगृह में निवासरत बच्चों के साथ संवाद किया। बच्चों के लिए बनाई गई व्यक्तिगत देखभाल योजना का अवलोकन कर,बच्चों के सर्वोत्तम हित के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र गुप्ता ने एक बच्चे के कभी -कभी असंयमित व्यवहार की जानकारी मिलने पर बच्चे के साथ परामर्श सत्र आयोजित किया। बच्चे के संतुलित व्यवहार के लिए आवश्यक कार्ययोजना बनाई गई। परामर्श से पता चला कि,बच्चे का सपना क्रिकेटर बनने का है। रंजीत कछवाहा ने तत्काल एक क्रिकेट एकेडमी के संचालक से सम्पर्क कर बच्चे को नि:शुल्क कोचिंग देने का आग्रह किया। क्रिकेट एकेडमी के संचालक ने आग्रह को स्वीकार कर बच्चे को नि:शुल्क कोचिंग देना स्वीकार किया। बाल कल्याण समिति द्वारा पाक्षिक आधार पर बालक देखभाल संस्थान के विधिक स्थिति, कार्य, भौतिक अवसंरचना,संस्थागत सुविधा,स्टाफ, कर्मचारियों का प्रशिक्षण, बाल देखरेख सुविधा, दैनिक दिनचर्या, पोषण,, वस्त्र, बिस्तर, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, मनोरंजन, प्रवेश, व्यक्तिगत देखभाल,अभिलेख का रखरखाव वित्तीय पारदर्शिता एवं अन्य विषयों का अवलोकन और निरीक्षण किया जाता है। अवलोकन और निरीक्षण के निष्कर्ष के आधार पर बालक देखभाल संस्थान के सुव्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक निर्देश जारी किया जाता है साथ ही निर्देशों का पालन भी सुनिश्चित किया जाता है।
बाल कल्याण समिति भारत में किशोर न्याय अधिनियम, २०१५ के तहत गठित एक स्वायत्त संस्था है, जो उन बच्चों से संबंधित शिकायतों को संभालने और हल करने के लिए है जो या तो त्याग दिए गए हैं, अनाथ हैं , माता-पिता द्वारा स्वेच्छा से दिए गए हैं, या खो गए हैं और जिन्हें विकास, सुरक्षा, उपचार, विकास और पुनर्वास से संबंधित मुद्दों पर देखभाल की आवश्यकता है, और इसमें उनकी बुनियादी जरूरतों और सुरक्षा के लिए आवश्यकताओं का प्रावधान शामिल है। ऐसे बच्चों की देखभाल बाल कल्याण समिति द्वारा की जाती है।

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