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आक्रोशित छात्राएं पहुंची जिला योजना भवन, कलेक्टर को बताई आपबीती

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मण्डला। जिले भर में संचालित शासकीय स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर पदस्थ शिक्षक शिक्षिकाएं खानापूर्ति कर रहे हैं। स्कूलों में कौन कब कहां आ रहा है कहां जा रहा है कुछ भी पता नही चल पाता है तमाम बहाने बनाकर कई दिनों तक स्कूल से गायब चलने का खेल चल रहा है जिससे बच्चों में नाराजगी है। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों जनसुनवाई में पहुंचा यहां पर नैनपुर विकासखंड की उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंद्री की छात्राएं जनसुनवाई में कलेक्टर से मिलने पहुंची और कलेक्टर से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराया हालाकि सहायक आयुक्त कार्यालय के मंडल संयोजक विष्णु सिंगौर बच्चों को मनाते नजर आए और कलेक्टर से बिना मिले ही जाने को कहने लगे लेकिन बच्चों ने एक न सुनी और कलेक्टर से मिलकर पूरी बात बताई यहां पदस्थ शिक्षक शिक्षिका स्कूल से गायब हैं वे स्कूल नही आ रहे हैं और आ भी रहे हैं तो हाजरी हस्ताक्षर कर गायब हो जाते हैं जिससे छात्रों में रोष है अब तक पढ़ाई भी आरंभ नही हुई है। पदस्थ बच्चें जैसे तैसे अपने कोर्स को कम्पलीट कर रहे हैं इस तरह की स्थिति इंद्री बस में नही अनेक जगह दिखाई दे रही है। मोटा वेतन लेने वाले टीचर पढ़ाने से गुरेज कर रहे हैं जिससे अभिभावकों में नाराजगी है। शिक्षक पढ़ाने के बजाए सिर्फ साइन करने स्कूल आते है जिले में स्कूलों में बरती जा रही लापरवाही के मामले एक बाद एक सामने आ रहे है छात्रों ने कलेक्टर से मिलकर शिक्षकों की शिकायत की छात्राओं का कहना है की शिक्षक स्कूल तो आते है लेकिन पढ़ाने के लिए नहीं सिर्फ साइन करने के लिए। जहां 12वीं कक्षा की छात्राओं ने शिक्षकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाए है। अपने भविष्य को लेकर चिंतित छात्राएं मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंची जहां उन्होने कलेक्टर सोमेश मिश्रा से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आवेदन सौंपा। छात्राओं ने बताया की वह स्कूल में जीव विज्ञान संकाय के अध्ययनरत हैं। परन्तु कक्षा में अग्रेंजी और भौतिक विज्ञान के विषय शिक्षक उपस्थित नहीं हैं। कई स्कूलों में शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है और बच्चों का भविष्य खतरे में है जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है शिक्षकों की गैरहाजिरी भी एक बड़ी समस्या है जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है। जिले के शासकीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली अब छात्रों के भविष्य पर सीधा असर डाल रही है। कई विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। खासकर जीवविज्ञान संकाय की छात्राएं इस लापरवाही का सबसे बड़ा खामियाजा भुगत रही हैं। छात्राओं का कहना है कि विद्यालय में अंग्रेजी और भौतिक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक या तो लंबे समय से अनुपस्थित हैं या फिर अब तक उनकी नियुक्ति ही नहीं की गई है। इससे बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में चिंता का माहौल है। मंडला जिले के एक से अधिक विद्यालयों में यह स्थिति देखने को मिल रही है। छात्राएं बताती हैं कि वे स्वयं प्रयास कर पढ़ाई कर रही हैं लेकिन विशेषज्ञ मार्गदर्शन के अभाव में विषयों की गहराई को समझना मुश्किल हो रहा है। हाल ही में 12वीं कक्षा की कई छात्राएं कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंचीं और इस गंभीर मुद्दे को प्रशासन के समक्ष रखा। उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति की मांग की। छात्राओं ने बताया कि वे बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं और समय पर पढ़ाई न होने से उनका आत्मविश्वास डगमगा रहा है। परिजनों ने भी चिंता जताई है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने छात्राओं की बातों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभाग को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए। शिक्षा विभाग का ढीला रवैया इस समस्या का मूल कारण माना जा रहा है। कई पद वर्षों से खाली पड़े हैं लेकिन अब तक किसी प्रकार की ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। अगर जल्द ही आवश्यक विषयों के शिक्षक नियुक्त नहीं किए जाते हैं, तो यह न केवल छात्रों की पढ़ाई पर असर डालेगा बल्कि बोर्ड परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन को भी प्रभावित करेगा। शासन और प्रशासन को इस ओर तुरंत संज्ञान लेने की आवश्यकता है, ताकि जिले की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौट सके।

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